कुटुंबसर गुफा ( बस्तर ) । Kutumbsar cave ( Cg - Bastar ) छत्तीसगढ़ के प्रमुख गुफाएँ । जानिए इस गुफा के बहुत सारे छुपी हुई रहस्यो के बारे मे

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 छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध गुफा मे से एक कुटुंबसर गुफा (बस्तर)


कुटुंबसर गुफा --


छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में जगदलपुर के समीप कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है।इस गुफा को मूल रूप से गोपांसर गुफा (गोपन = छुपा) के नाम से भी जाना जाता हैं। लेकिन यह गुफा यहकोटसर’ गाँव के पास स्थित होने के कारण इस गुफा का नाम- कोटमसर (कुटुंबसर) पड़ा है। 

यह गुफा की बात की जाए लगभग हर वर्ष इस गुफा को देखने के लिए हजारो की तादाद मे लोग आते है । क्योकि। इस गुफा की बनावट व प्रकृतिक रूप से अलग ही है । 

(यहा जाने वाले लोगो के लिए किसी अमूल्य उपहार से कम नही है।)

         

कुटुंबसर गुफा की बनावट -


अगर आप कभी इस गुफा अंदर जाकर के देखोगे तो आपको वहा भीतर मे चुने हुए पत्थर से बने स्टेलाइटाइट और स्टैलेग्माइट से आकृतियां आपको देखने को मिलेगी। इस गुफा के अंदर में टार्च या कुछ लाइट जैसे उपकरण लेकर जाना चाहिए क्योकि इस गुफा के अंदर काफी अंधेला रहता है।

जब इन  गुफा के दीवाल पर टॉर्च की रौशनी पड़ती है,तो यहां चूना पत्थर से बनी विभिन्न आकृतियां चमक उठती है। जिन्हें देखकर आप देखकर के मंत्रमुग्ध हो जाओगे। आपको इन आकृतियों में जितने रूप पसंद हैंउतने ही रूप देखने को मिलेंगे।

      


इस गुफा के अंदर बनी आकृतियां चूना पत्थरकार्बनडाईऑक्साइड और पानी की रासायनिक क्रिया के कारण उपर से नीचे की ओर कई सारी प्राकृतिक संरचनाएं बन गई है । 

जो अब भी धीरे धीरे बनते ओर बढ़ते जा रहे है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है साथ ही यह कुटुंबसर गुफा ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से जुड़ा हुआ है।

गुफा के अंदर पाये जाने वाली अनोखे प्रकार की जीव-जन्तु -

अगर आप कभी इस गुफा के अंदर जाओगे तो आपको अंदर मे  आपको कुछ अलग ही प्रकार की कई सारे जीव-जंतु देखने को मिलेंगे । और खास बात यह है की पूरे भारत भर में सिर्फ इस गुफा के अंदर रंग बिरंगे अंधी मछली आपको देखने को मिलेगी । 

(इस मछली के प्रजाति का नाम गुफा के खोजकर्ता प्रो. शंकर तिवारी के नाम पर रखा गया है।)


कुटुंबसर गुफा के खोजकर्ता -

इस गुफा की खोज का श्रेय प्रोफेसर शंकर तिवारी जी को माना जाता है । जिन्होंने सन् 1958 में स्थानीय आदिवासियों के सहायता से इस गुफा की खोज की थी। इस गुफा का निर्माण प्राकृतिक रूप से प्रकृति में कई तरह के बदलाव और पानी के बहाव के कारण इस गुफा का निर्माण हुआ है।

कुटुंबसर गुफा का शुरुआती नाम (गोंपसर) था। लेकिन गुफा के समीप ही कोटमसर ग्राम होने के कारण इस गुफा का नाम (कुटुंबसर गुफा) पड़ा गया।

कुटुंबसर गुफा मे कौन से मौसम मे जाना अच्छा रहता है ?

अगर आप कभी कुटुंबसर गुफा जाने का कभी अपने परिवार के साथ प्लान बनाते हो तो आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान में रखना जरूरी हैं -

1) यह गुफा घने जंगल के बीच है जो कई आपको इस गुफा तक जाने के लिए जिप्सी का इस्तेमाल करना होगा जिसका किराया लगभग 1500 रुपए है।

2) मानसून के दौरान  इस गुफा को बंद कर दिया जाता है। क्योंकि इस समय गुफा में पानी भरने और अन्य जहरीले जीव जंतु से खतरा रहता है।

3) आप कभी भी इस गुफा को देखने जाओ तो जाने का सबसे अच्छा समय ठंड के मौसम में होता है । 

4) गुफा में प्रवेश करने से पहले आपके पास एक अधिक रोशनी वाला टॉर्च होना चाहिए । ताकि आप इस गुफा के अंदर की खूबसूरती को निहार सकें। 

5) इसके अलावा आपके पास अच्छे जूते होने चाहिए ताकि गुफा के अंदर फिसलन से बच सकें।


आगे देखे - 

छत्तीसगढ़ के प्रमुख गुफाएँ -


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