छत्तीसगढ़ के प्रमुख तीर्थ-स्थल मे से एक है जड़ी-बूटियो का गढ़ बूटिगढ़-
छत्तीसगढ़ राज्य के धमतरी जिला से लगभग 50 कि॰मी॰ दूरी पर दक्षिण सिंगपुर वनमंडल पर बूटिगढ़ स्थित है । चूंकि यह स्थान पूर्ण रूप से घनघोर जंगल से घिरा स्थान है ।
सिंगपुर का इतिहास
पौराणिक कथा - कांकेर रियासत का यह ग्राम महाराज सिंहदेव का था ! पहले यहाँ जंगली जानवरो का जमावड़ा रहता था ! अंग्रेज लोग भी शेर का शिकार करने यहा आते थे !इस जंगल में सिंह होने के कारण ही गांव का नाम सिंगपुर पड़ा ! अनेक महत्व के इस गावं में पर्यटक का आना -जाना रहता है !
अंचल -का कांकेर क्षेत्र अनेक पौराणिक और ऐतिहासिक धरोहर के लिए विख्यात है ! आज भी यहां का अधिकांश क्षेत्रवनो से घिरा हुआ है ! इस अंचल में ग्राम सिंगपुर है जो अपने अंदर की कई विशेषताओ को समेटा हुआ है !बहुत समय पहले यहां आवागमन की सुविधा नहीं थी ,लेकिन वर्तमान में यहां स्थल सर्व सुविधा युक्त हो गया !इस ग्राम सिंगपुर में विभिन्न जाति के लोग निवास करते है !
आवागमन - हेतु सड़क बन गई है तथा विद्दुत संचालन हो रहा है तथा ग्राम पंचयत भी है !
अनेक अनेक विशेषताओं के कारण ही पर्यटको का आना -जाना लगा रहता है ! इस पहाड़ी में कई प्रकार की औषधिया भी मिलती है जो अनेक रोगो से लाभकारी होते है !
सिंगपुर की जनसंख्या -
ग्राम-सिंगपुर, धमतरी जिले के मगरलोड तहसील में स्थित एक मध्यम आकार का गाँव है, जिसमें कुल 369 परिवार रहते हैं। सिंगपुर गाँव की जनसंख्या 1502 है जिसमें 736 पुरुष हैं जबकि 766 जनसंख्या जनगणना 2011 के अनुसार महिलाएँ हैं।व 0-6 आयु वर्ग के बच्चों की आबादी 211 है जो गाँव की कुल आबादी का 14.05% है। सिंगपुर गाँव का औसत लिंग अनुपात 1041 है जो छत्तीसगढ़ राज्य के 991 के औसत से अधिक है। जनगणना के अनुसार सिंगपुर के लिए बाल लिंग अनुपात 969 के छत्तीसगढ़ के औसत से 954 कम है।
साक्षरता दर 2011 जनगणना के अनुसार -
छत्तीसगढ़ की तुलना में सिंगपुर गाँव में साक्षरता दर अधिक है। 2011 में, छत्तीसगढ़ के 70.28% की तुलना में सिंगपुर गाँव की साक्षरता दर 75.29% थी। सिंगपुर में पुरुष साक्षरता 84.55% है जबकि महिला साक्षरता दर 66.52% है।
पंचेती राज -
भारत के संविधान और पंचेती राज अधिनियम के अनुसार, सिंगपुर गाँव का प्रशासन सरपंच (गाँव के मुखिया) द्वारा किया जाता है, जो गाँव का प्रतिनिधि होता है।
2011 जनगणना के अनुसार -
परिणाम | कुल | पुरुष | महिला |
---|---|---|---|
कुल घरो की संख्या - | 369 | - | - |
आबादी - | 1,502 | 736 | 766 |
बच्चे (0-6) | 211 | 108 | 103 |
अनुसूचित जाति | 30 | 15 | 15 |
अनुसूची जनजाति | 870 | 416 | 454 |
साक्षरता | 75.29 % | 84.55 % | 66.52 % |
कुल कार्यकर्ता | 787 | 430 | 357 |
मुख्य कार्यकर्ता | 661 | - | - |
सीमांत कार्यकर्ता | 126 | 41 | 85 |
जड़ी-बूटियो का गढ़ बूटिगढ़-
छत्तीसगढ़ राज्य के धमतरी जिला से लगभग 50 कि॰मी॰ दूरी पर दक्षिण सिंगपुर वनमंडल पर बूटिगढ़ स्थित है । चूंकि यह स्थान पूर्ण रूप से घनघोर जंगल से घिरा स्थान है ।
पौराणिक कथा
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पहाड़ी (बुटीगढ़ ) के निचे एक छोटा सा झरना वा नाला है! जहा नाला में 12 महीने पानी भरा रहता है इस नाले से बहने वाले पानी में नहाने से चर्म रोग मिट जाते है व वा अन्य प्रकार के विभिन्न रोगो से मुक्ति पायी जाती है ! |
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बुटीगढ़ पहाड़ी के ही थोड़ा दूर में ढोलडोंगरी नामक पहाड़ी है,जो साथ में लगे हुए है ! इस डोंगरी विशेषता है ,की इस डोंगरी में बहुत बड़ा नगाड़ा है जो यहां पर प्राचीन काल है तथा इस क्षेत्र में आदिवासी समाज द्वारा उनके एक विशेष दिन पूरा इकठ्ठा होकर के इसी नगाड़े वा अपने वाद्ययंत्रो को लेकर के रिलो , पाटा व अपने आंचलिक नित्य करते है ! अभी वर्तमान में भालुओ का भी जमावड़ा देखा जाता है ! |
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इस ढोलडोगरी पहाड़ी कि एक और रहस्य बात है कि इसने एक गुफा है जिसमे एक दीपक बिना तेल बाती के जलते रहता है ,जिसके ऊपर देवी प्रसन्न हो जाती है उन्ही को दीपक दिखाई देता है ! विशेष पर्व यानि दीपावली के बाद जो रविवार पढ़ता है ,उसी दिन पहाड़ी के निचे माता के मंदिर में भरी मेला लगता है , तथा देवी स्थान में बकरे कि बलि दी जाती है !तथा वहा महिलाओ का जाना वर्जित है ! |